महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay, नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर हमारी Website Be RoBoCo में, आज एक बार हम फिर हाजिर हैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर जिसे हम महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay, के नाम से जानते हैं।
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महादेवी वर्मा के बारे में आज कौन नहीं जानता है, आप हिंदी साहित्य जगत की सबसे ज्यादा लोकप्रिय और प्रतिभा की धनी कवयित्रियों में से एक थीं। बहुत कम लोग ऐसे होते है जो स्थान और समय की सीमाओं को तोड़ कर लोगो के दिलो में अपना स्थान बना लेते है और जीते जी किवदंती बन जाते है। आप उन्हीं व्यक्तित्व में से एक थी।
अगर आप गूगल में महादेवी वर्मा के जीवन परिचय को खोजते हुए हमारे इस लेख में आ गए हैं तो हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से महादेवी वर्मा जी से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार में मिलेगी तो लेख के अंत तक बने रहें, चलिए शुरू करते हैं।
महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay – पूरी जानकारी 2023
Mahadevi Verma Ka Janm
हिंदी की महान कवियत्री महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 में जिला फर्रुखाबाद के एक संभ्रांत कायस्थ परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती हेमरानी देवी था। इनकी माता धर्म परायण, निष्ठावान और सात्विक महिला थी और पिता उदार व कर्मठ दार्शनिक व्यक्ति थे, जोकि पेशे से एक शिक्षक थे।
महादेवी वर्मा जी का साहित्य जगत में एक अलग ही स्थान था। उन्हें ‘आधुनिक युग की मीरा‘ के नाम से भी जाना जाता है।
Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay
महादेवी वर्मा जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को मिशन स्कूल इंदौर से पूरा किया और बाद में यह महात्मा गांधी जी के संपर्क में आई जहां से इनके अंदर समाज सेवा करने की भावना जागृत हुई। इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय से अपने एम. ए को पूरा किया। महादेवी वर्मा जी के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों और घटनाओं को आप अग्रलिखित टेबल को पढ़कर बड़ी आसानी से जान सकते हैं।
Full Name |
महादेवी वर्मा |
Birthday |
26 मार्च 1907 |
Birth Place |
फर्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश |
Father Name |
श्री गोविन्द प्रसाद वर्मा |
Mother Name |
श्रीमती हेमरानी देवी |
Husband Name |
डॉ० स्वरूप नारायण वर्मा |
Education |
एम.ए.(संस्कृत) |
Other Name |
आधुनिक युग की मीरा, विशाल मंदिर की सरस्वती |
Compositions |
स्मृति की रचनाएं, दीपशिखा, मेरा परिवार इत्यादि |
Death |
11 सितम्बर 1987 |
Death Place |
इलाहबाद, उत्तरप्रदेश |
Mahadevi Verma Ka Sahityik Parichay
महादेवी वर्मा का विवाह मात्र 9 साल की उम्र में ही हो गया था और छोटी उम्र में ही इनकी माता जी का भी देहावसान हो गया लेकिन बचपन से ही यह बहुत ही कुशाग्र बुद्धि की थी जिसकी वजह से यह हर एक कक्षा में प्रथम आई। इनको शुरुआती समय में साहित्य रचना की प्रेरणा अपने नाना जी से मिली जोकि ब्रज भाषा में कविताओं की रचना किया करते थे।
महादेवी वर्मा की कविताएँ और रचनाओ में एक अलग प्रकार की ओज होती है जिसको समझ लेने मात्र से व्यक्ति के अंदर का अंधकार दूर हो जाता है। महादेवी वर्मा जी की काव्य रचनाओं में समाज सुधार व महिलाओं की दशा को सुधारने का महत्वपूर्ण संदेश प्राप्त होता है।
मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही इन्होंने काव्य – रचना में तेज़ी से भाग लेना प्रारम्भ कर दिया। करुणा एवं भावुकता उनके व्यक्तित्व के अभिन्न अंग थे। आपके काव्य में बिरहा भावना की इतनी पीडा है कि आपको “आधुनिक युग की मीरा” के नाम से भी संबोधित किया जाता है। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने उन्हें हिंदी के ‘विशाल मंदिर की सरस्वती‘ की उपमा दिया है।
महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य जगत का एक चमकता सितारा थीं और अपनी एक प्रसिद्ध रचना “दीपशिखा” के माध्यम से उन्होंने अपने मन की व्यथा को भी बहुत ही सहजता से सजाया है। भारतीय हिंदी साहित्य, आपने अतुलनीय योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।
उनके इतने सारे प्रशंसनीय कार्यों के लिए उन्हें अनेकों पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है, जिनमे भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म भूषण, पद्म विभूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार आदि शामिल है।
Mahadevi Verma Ki Rachnaye?
महादेवी वर्मा जी की प्रमुख रचनाओं में गद्य साहित्य और कविता संग्रह दोनों आते हैं। इनकी कुछ प्रमुख रचनाओं का वर्णन इस प्रकार है।
कविता संग्रह –
नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, दीपशिखा, सप्तपर्णा, प्रथम आयाम और अग्निरेखा थे। हर एक कविता संग्रह की अपनी एक अलग ही व्याख्या है और इसमें अलग-अलग प्रकार के गीतों का संकलन हुआ है उदाहरण स्वरूप नीहार में, भाव गीत का संग्रह है जिसमें वेदना का स्वर सामने आया है और रश्मि कविता संग्रह में आत्मा परमात्मा के संबंधों पर आधारित गीत हैं जबकि नीरजा में प्रकृति की महिमा का गुणगान है।
गद्य साहित्य –
अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, पथ के साथी, मेरा परिवार, यामा, संभाषण, शृंखला की कड़ियाँ, गिल्लू, नीलकंठ आदि।
Mahadevi Verma Biography In Hindi
दोस्तों हमने ऊपर आपको महादेवी वर्मा जी के जीवन से जुड़ी सभी जानकारियां दी हैं और उन्हीं जानकारियों का एक छोटा रूप इस प्रकार से है जिसे हम महादेवी वर्मा बायोग्राफी के नाम से जानते हैं। इसके अंदर निम्न बातों का समावेश होता है।
- जन्म
- शिक्षा
- वैवाहिक जीवन
- साहित्य में स्थान
- उपलब्धि, सम्मान और पुरस्कार
- मृत्यू
महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ था। इनके पिता पेशे से एक शिक्षक थे। छोटी उम्र में ही इनकी शादी हो गई जिसकी वजह से शिक्षा में कुछ रुकावट आई लेकिन फिर उन्होंने कुछ समय बाद अपनी शिक्षा को पुनः प्रारंभ किया और प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इनकी रचनाएँ सर्वप्रथम ‘चाँद‘ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई।
महादेवी वर्मा बहुत ही कुशाग्र बुद्धि की थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से M.A. पूरा करने के बाद यह महात्मा गांधी जी के संपर्क में आई और समाज सेवा में लग गई। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्य जीवन की शुरुआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ के प्रधानाचार्या बनी रहीं। वह भारत की 50 सबसे सशक्त महिलाओं में से एक थीं
इनकी काव्यात्मक प्रतिभा के लिए इन्हें अनेकों राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सम्मान जैसे कि पद्मभूषण, ज्ञानपीठ पुरस्कार सेकसरिया, मंगलाप्रसाद और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भारत – भारती पुरस्कार प्रदान किए गए।
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आपने क्या सीखा
उपरोक्त लेख महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay के माध्यम से मैंने आपको Mahadevi Verma Ka Janm, Mahadevi Verma Ka Sahityik Parichay, Mahadevi Verma Ki Rachnaye और Mahadevi Verma Ki Jivani, Mahadevi Verma Project In Hindi, Mahadevi Verma Biography In Hindi, Mahadevi Verma Jeevan Parichay और Mahadevi Verma Ki Kritiyan आदि के बारे में बताया है।
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